तिल बताए भविष्य

 
 
तिल बताए भविष्य

चेहरे पर तिल का प्रभाव


यदि चेहरे पर दाहिने भाग में लाल या काले रंग का तिल हो, तो व्यक्ति
यशस्वी, धनवान तथा सुखी होता हैं।
यदि नीचे के होठ पर तिल का चिन्हहो, तो ऐसा व्यक्ति निर्धन होता हैं
तथा जीवन भर गरीबी में दिन व्यतीतकरता हैं।
होठ और तिल के बिच जितनि दूरी हो प्रभाव उतना कम होता जाता हैं।

यदि ऊपर के होंठ पर तिल का चिन्ह हो, तो ऐसा व्यक्ति अत्यधिक
विलासी और काम पिपासु लेकिन धनवान होता हैं।

यदि बायें कान के ऊपरी सिरे पर तिल का चिन्ह हो, तो व्यक्ति दीर्घायु होता हैं
लेकिन उसका शरीर थोडा कमजोर होता हैं।

यदि नासिका के मध्य भाग में तिल हो, तो व्यक्ति अधिक यात्रा करने वाला
भ्रमण प्रिय एवं दुष्ट स्वभाव का होता हैं।

यदि दाहिनी कनपटी पर तिल हो, तो व्यक्ति प्रेमी, समृद्ध तथा सुखपूर्ण अपना
जीवन व्यतीत करने वाला होता हैं।

यदि बायें गाल पर तिल का चिन्ह हो, तो गृहस्थ जीवन सुखमय रहता हैं
लेकिन जीवन में धन का अभाव रहता हैं। 

यदि ठोड़ी पर तिल हो, तो वहव्यक्ति थोडा स्वार्थी एवं अपने काम में ही लगा
रहने वाला होता हैं।
यदि दाहिने कान के पास तिल हो, तो व्यक्ति साहसी होते हैं।
यदि दाहिनी और भौंह के पास में तिल हो, तो व्यक्ति कि आंखें कमजोर होती हैं।

यदि दाहिने गाल पर तिल का चिन्ह हो, तो ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान तथा जीवन
के हर क्षेत्र में उन्नति करने वाला होता है।

यदि गर्दन पर तिल हो, तो व्यक्ति बुद्धिमान होते हैं और अपने प्रयत्नों से धन
संचय करने वाला होता हैं।

यदि दाहिनी आंख के नीचले हिस्से पर तिल का चिन्ह हो, तो वे समृद्ध तथा
सुखी होते हैं।
यदि नासिका के बाएं भाग पर तिल हो, तो व्यक्ति अधिक प्रयत्न करने के बाद
सफलता प्राप्त होती है।
यदि बाएं आंख की भौंहों के पास में तिल हो, तो व्यक्ति एकान्त प्रिय एवं सामान्य
जीवन निर्वाह करने वाला होता है।
यदि दोनों भौंहों के बीच के हिस्से में तिल का चिन्ह हो, तो व्यक्ति दीर्घायु
धार्मिक एवं उदार हृदय के स्वामी होते हैं।
ललाट पर तिल - ललाट के मध्य भाग में तिल निर्मल प्रेम की निशानी
है। ललाट के दाहिने तरफ का तिल किसी विषय विशेष में निपुणता, किंतु बायीं
तरफ का तिल फिजूलखर्ची का प्रतीक होता है। ललाट या माथे के तिल के संबंध
में एक मत यह भी है कि दायीं ओर का तिल धन वृद्धिकारक और बायीं तरफ का तिल
घोर निराशापूर्ण जीवन का सूचक होता है।
भौंहों पर तिल - यदि दोनों भौहों पर तिल हो तो जातक अकसर यात्रा
करता रहता है। दाहिनी पर तिल सुखमय और बायीं पर तिल दुखमय दांपत्य जीवन का
संकेत देता है।
आंख की पुतली पर तिल - दायीं पुतली पर तिल हो तो व्यक्ति के
विचार उच्च होते हैं। बायीं पुतली पर तिल वालों के विचार कुत्सित होते हैं।
पुतली पर तिल वाले लोग सामान्यत: भावुक होते हैं।
पलकों पर तिल - आंख की पलकों पर तिल हो तो जातक संवेदनशील होता
है। दायीं पलक पर तिल वाले बायीं वालों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं।
आंख पर तिल - दायीं आंख पर तिल स्त्री से मेल होने का एवं बायीं
आंख पर तिल स्त्री से अनबन होने का आभास देता है।
कान पर तिल - कान पर तिल व्यक्ति के अल्पायु होने का संकेत देता है।
नाक पर तिल - नाक पर तिल हो तो व्यक्ति प्रतिभासंपन्न और सुखी होता है।
महिलाओं की नाक पर तिल उनके सौभाग्यशाली होने का सूचक है।
होंठ पर तिल - होंठ पर तिल वाले व्यक्ति बहुत प्रेमी हृदय होते हैं।
यदि तिल होंठ के नीचे हो तो गरीबी छाई रहती है।
मुंह पर तिल - मुखमंडल के आसपास का तिल स्त्री तथा पुरुष दोनों
के सुखी संपन्न एवं सज्जन होने के सूचक होते हैं। मुंह पर तिल व्यक्ति को
भाग्य का धनी बनाता है। उसका जीवनसाथी सज्जन होता है।
गाल पर तिल - गाल पर लाल तिल शुभ फल देता है। बाएं गाल पर कृष्ण
वर्ण तिल व्यक्ति को निर्धन, किंतु दाएं गाल पर धनी बनाता है।
जबड़े पर तिल - जबड़े पर तिल हो तो स्वास्थ्य की अनुकूलता और
प्रतिकूलता निरंतर बनी रहती है।
ठोड़ी पर तिल - जिस स्त्री की ठोड़ी पर तिल होता है, उसमें
मिलनसारिता की कमी होती है।
कंधों पर तिल - दाएं कंधे पर तिल का होना दृढ़ता तथा बाएं कंधे
पर तिल का होना तुनकमिजाजी का सूचक होता है।
दाहिनी भुजा पर तिल - ऐसे तिल वाला जातक प्रतिष्ठित व बुद्धिमान
होता है। लोग उसका आदर करते हैं।
बायीं भुजा पर तिल - बायीं भुजा पर तिल हो तो व्यक्ति झगड़ालू
होता है। उसका सर्वत्र निरादर होता है। उसकी बुद्धि कुत्सित होती है।
कोहनी पर तिल - कोहनी पर तिल का पाया जाना विद्वता का सूचक है।
हाथों पर तिल -
जिसके हाथों पर तिल होते हैं वह चालाक होता है। गुरु क्षेत्र में तिल हो
तो सन्मार्गी होता है। दायीं हथेली पर तिल हो तो बलवान और दायीं हथेली के
पृष्ठ भाग में हो तो धनवान होता है। बायीं हथेली पर तिल हो तो जातक खर्चीला
तथा बायीं हथेली के पृष्ठ भाग पर तिल हो तो कंजूस होता है।
अंगूठे पर तिल - अंगूठे पर तिल हो तो व्यक्ति कार्यकुशल, व्यवहार
कुशल तथा न्यायप्रिय होता है।
तर्जनी पर तिल - जिसकी तर्जनी पर तिल हो, वह विद्यावान, गुणवान
और धनवान किंतु शत्रुओं से पीड़ित होता है।
मध्यमा पर तिल - मध्यमा पर तिल उत्तम फलदायी होता है। व्यक्ति
सुखी होता है। उसका जीवन शांतिपूर्ण होता है।
अनामिका पर तिल - जिसकी अनामिका पर तिल हो तो वह ज्ञानी, यशस्वी,
धनी और पराक्रमी होता है।
कनिष्ठा पर तिल - कनिष्ठा पर तिल हो तो वह व्यक्ति संपत्तिवान
होता है, किंतु उसका जीवन दुखमय होता है।
गले पर तिल - गले पर तिल वाला जातक आरामतलब होता है। गले पर
सामने की ओर तिल हो तो जातक के घर मित्रों का जमावड़ा लगा रहता है। मित्र
सच्चे होते हैं। गले के पृष्ठ भाग पर तिल होने पर जातक कर्मठ होता है।
छाती पर तिल - छाती पर दाहिनी ओर तिल का होना शुभ होता है। ऐसी
स्त्री पूर्ण अनुरागिनी होती है। पुरुष भाग्यशाली होते हैं। शिथिलता छाई
रहती है। छाती पर बायीं ओर तिल रहने से भार्या पक्ष की ओर से असहयोग की
संभावना बनी रहती है। छाती के मध्य का तिल सुखी जीवन दर्शाता है। यदि किसी
स्त्री के हृदय पर तिल हो तो वह सौभाग्यवती होती है।
कमर पर तिल - यदि किसी व्यक्ति की कमर पर तिल होता है तो उस
व्यक्ति की जिंदगी सदा परेशानियों से घिरी रहती है।
पीठ पर तिल - पीठ पर तिल हो तो जातक भौतिकवादी, महत्वाकांक्षी
एवं रोमांटिक हो सकता है। वह भ्रमणशील भी हो सकता है। ऐसे लोग धनोपार्जन भी
खूब करते हैं और खर्च भी खुलकर करते हैं। वायु तत्व के होने के कारण ये धन
संचय नहीं कर पाते।
पेट पर तिल - पेट पर तिल हो तो व्यक्ति चटोरा होता है। ऐसा
व्यक्ति भोजन का शौकीन व मिष्ठान्न प्रेमी होता है। उसे दूसरों को खिलाने
की इच्छा कम रहती है।
घुटनों पर तिल - दाहिने घुटने पर तिल होने से गृहस्थ जीवन सुखमय
और बायें पर होने से दांपत्य जीवन दुखमय होता है। 
पैरों पर तिल - पैरों पर तिल हो तो जीवन में भटकाव रहता है। ऐसा
व्यक्ति यात्राओं का शौकीन होता है। दाएं पैर पर तिल हो तो यात्राएं
सोद्देश्य और बाएं पर हो तो निरुद्देश्य होती हैं।